गोपालगंज(बिहार): जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूरी पर थावे नाम का एक स्थान है। जहां मां थावेवाली का ऐतिहासिक मंदिर बना हुआ है। इस धाम को मां थावेवाली, सिंहासिनी भावनी, रहषु भवानी, थावे भवानी, के नाम से भी भक्तजन पुकारते है। बिहार के सिवान, छपरा, गोपालगंज, मोतिहारी और चंपारण तथा उत्तर प्रदेश के बलिया, देवरिया, मऊ, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर तथा आस-पास के अन्य जिलों से हजारों श्रद्धालु इस मंदिर और माता का पूजन करने आते है। शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र के समय श्रद्धालुओं की संख्या लाखों तक पहुंच जाती है।
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माँ थावेवाली को लेकर लोगों में ये मान्यता है कि मां के प्रिय भक्त रहषु भगत के बुलावे पर, असम के कामख्या स्थान से चलकर मां यहां पहुची थी।
पौराणिक कथा के अनुसार रहषु मां का सबसे प्रिय भक्त था, मां की कृपा से दिन में घास काटता और रात को उसी से अन्न निकल जाता था जिस कारण वहां के लोगों को अन्न मिलने लगा। लेकिन, इस चमत्कार के बारे में राजा को जब पता लगा तो उसे विश्वास नहीं हुआ।
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राजा ने रहषु को ढोंगी बताते हुए मां को बुलाने की जिद्द की रहषु को पता था कि मां की बिना वजह बुलाना अनर्थ हो सकता है लेकिन राजा ने उसे जान से मारने तक कि धमकी दे डाली। ततपश्चात रहषु भगत के बुलाने पर माँ कोलकाता, पटना,और आमी होते हुए थावे पहुची। राजा का सारा साम्राज्य तहस-नहस हो गया और घमंडी राजा को मोक्ष की प्राप्ति हो गयी।
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पिछले कई वर्षों से इस मंदिर और परिषर को भव्य रूप देने के साथ-साथ पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग श्रद्धालुओं और स्थानीय नेताओं द्वारा रखी जाती रही है। खुशी की बात यह है कि थावे माई के श्रद्धालुओं के लिए खुशी की बात यह है कि बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री नरायन प्रसाद जी ने मंदिर परिसर की कुछ तस्वीरों को शेयर करतें हुए इसके नए स्वरूप के बारे में लोगों को बताया।
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उनका मानना है कि आने वाले कुछ सालों में सरकार इस मंदिर का कायाकल्प करेगी जिससे यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को इसका फायदा होगा।
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साथ ही साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो पायेंगे। मंदिर के नए स्वरूप की कुछ एनिमेटेड तस्वीरें जिसे मंत्री ने शेयर किया है।
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गोपालगंज के सबेया एयरपोर्ट की मांग भी काफी पुरानी है। जिसको लेकर सिवान, गोपालगंज और छपरा के लोग हमेशा सरकार से मांग करते रहते है। क्योंकि बिहार के इन जिलों से विदेशी नागरिकों की संख्या सबसे ज्यादा है।
-आशुतोष सिंह की रिपोर्ट